21. काढ़ा बनाने के लिए 20 ग्राम कुलथी को दो कप पानी में डालकर उबालें। 22. ८) कुलथी की दाल का सूप पीने से पथरी निकलने के प्रामाण मिले है। 23. लहसुनिया: यह केतु ग्रह से संबंधित रत्न है तथा इससे संबंधित धान्य है कुलथी दाना। 24. में 100 ग्राम कुलथी 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर बचे पानी छानकर पीने से लाभ मिलेगा। 25. पथरी: कुलथी के बीज 40 ग्राम लेकर कूट लें और 4 कप पानी में उबालें। 26. यह शब्द वीरवार को राजकीय उच्च विद्यालय कुलथी में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह दौरान विधायक पवन काजल ने कहे। 27. दूध के साथ सभी तरल, ठोस, खट्टे आहार कांगनी, कुलथी , मोठ तथा बींस न खाएं। 28. * कुलथी का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार सुबह 9 बजे और रात को सोने से पहले पिएँ। 29. वातरोग, श्वांस रोग तथा खांसी में इसके तीन पत्तों को कुलथी दाल के साथ पकाकर खाने लाभ मिलता है। 30. गर्भाशय शोथ: प्रसव के बाद गर्भाशय में शोथ होने पर कुलथी का काढ़ा सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।