21. विपरीत अवधारणा बाज़ार का विस्तार है जिसे प्रति यूनिट चल निधि की कीमत के प्रभाव से मापा जाता है. 22. विपरीत अवधारणा बाज़ार का विस्तार है जिसे प्रति यूनिट चल निधि की कीमत के प्रभाव से मापा जाता है. 23. इससे एक ऐसी सैद्धान्तिक परिस्थिति पैदा हो सकती है, जिसपर चल निधि के जालकी व्यावहारिक संभावना पर काफी बहस हो चुकी है. 24. जब एक केन्द्रीय बैंक मुद्रा की चल निधि (आपूर्ति) को प्रभावित करना चाहता है, यह प्रक्रिया मुक्त बाज़ार परिचालन कहलाती है. 25. इससे एक ऐसी सैद्धान्तिक परिस्थिति पैदा हो सकती है, जिसपर चल निधि के जालकी व्यावहारिक संभावना पर काफी बहस हो चुकी है. 26. जब एक केन्द्रीय बैंक मुद्रा की चल निधि (आपूर्ति) को प्रभावित करना चाहता है, यह प्रक्रिया मुक्त बाज़ार परिचालन कहलाती है. 27. जब एक केन्द्रीय बैंक मुद्रा की चल निधि (आपूर्ति) को प्रभावित करना चाहता है, यह प्रक्रिया मुक्त बाज़ार परिचालन कहलाती है. 28. इससे एक ऐसी सैद्धान्तिक परिस्थिति पैदा हो सकती है, जिसपर चल निधि के जाल की व्यावहारिक संभावना पर काफी बहस हो चुकी है. 29. चल निधि की एक और सुन्दर परिभाषा वह संभाव्यता है कि अगले कारोबार का निष्पादन अंतिम कारोबार के बराबर कीमत पर होता है.30. चल निधि की एक और सुन्दर परिभाषा वह संभाव्यता है कि अगले कारोबार का निष्पादन अंतिम कारोबार के बराबर कीमत पर होता है.