21. इस तरह कोई भी एक चांद्र मास ऐसा होगा जिस में कोई संक्रांति नहीं होगी। 22. “यह दूसरी और चांद्र मास के 16 दिन पर आयोजित किया जाता है मतलब है. 23. चंद्र दिन, चांद्र मास , अर्ध दिन, सूर्य और चंद्रमा के कोण, और सौर दिन । 24. चांद्र मास 29 दिवस, 31 घटिका और 50.124 पलों का अर्थात 30 तिथियों का होता है।25. जो सौर मास चांद्र मास से बड़े होते हैं, उनमें कभी-कभी 2 अमावस्यांत पड़ जाते हैं। 26. वे 12 चांद्र मास तथा चांद्र मासों को सौर वर्ष से संबद्ध करनेवाले अधिमास को भी जानते थे। 27. इसी प्रकार यदि किसी चांद्र मास में दो संक्रांतियाँ पड़ जायँ तो एक मास का क्षय हो जाएगा। 28. और मासों में कुछ मास चांद्र मास से बड़े और कुछ चांद्र मास से छोटे भी होते हैं। 29. और मासों में कुछ मास चांद्र मास से बड़े और कुछ चांद्र मास से छोटे भी होते हैं। 30. पारंपरिक थाई कैलेंडर में 12 वीं चांद्र मास की पूर्णिमा Loi Krathong का त्योहार थाई के निशा न.