21. दो नदी क्षेत्रों के बीच में एक ऊंची जगह होती है, इसे जल विभाजक कहते हैं। 22. यह जल विभाजक अरावली अक्ष के सहारे उत्तर में सांभर झील से अजमेर के दक्षिण तक विस्तृत है। 23. अरावली पर्वत श्रेणियाँ राजस्थान में एक जल विभाजक है और राज्य मे बहने वाली नदियों को दो भागों में विभक्त करती है। 24. डेकन पठार के विस्तार के प में यह दिल्ली तक फैला है और उत्तर भारत के मैदान में जल विभाजक के प. 25. इन पहाड़ियों के दोनों ओर जल विभाजक मिलते हैं, जिनसे निकलने वाली सैकड़ों नदियाँ क्षेत्र की ओर भी दुर्गम बना देती हैं। 26. चंद्रशिला शिखर (३ ६ ८ ९ मीटर) के नीचे, जल विभाजक पर, तुंगनाथ (३ ५ ९९ मीटर) स्थित है। 27. मार्कंडेय गंगा व मध्यमहेश्वर के जल विभाजक के पूर्वी ढ़लान पर मंदिर स्थित है, जो कि स्थापत्य के दृष्टिकोण से पंच केदारों में सर्वाधिक आकर्षक है। 28. यह श्रेणी बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों तथा उत्तर दिशा में भू-आवेष्ठित झीलों से निकलने वाली नदियों के बीच जल विभाजक की भूमिका निभाती है। 29. यह श्रेणी बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों तथा उत्तर दिशा में भू-आवेष्ठित झीलों से निकलने वाली नदियों के बीच जल विभाजक की भूमिका निभाती है। 30. नदियां-राजस्थान का महान जल विभाजक जो नदियों के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में विभाजित करता है मेवाड़ में से होकर गुजरता है।