21. ज़हनी ख़ौफ़, मज़लूमियत और दूसरों से नफरत मुसलमानों को खुद ही तबाह कर सकती है।22. जहां के न सिर्फ साज ओ सामां, बल्कि घास-मिट्टी तक से उन्हें ज़हनी लगाव है. 23. एक्सीडेंट अब भी होते हैं मगर जिस्मानी नुक़्सान के लिए नहीं ज़हनी नुक़्सान के लिए। 24. इन की पुर-ख़ुलूस शायरी आज के हिन्दुस्तानी नौजवान के ज़हनी उतार-चढ़ाव की कहानी है. 25. आप भटकने के दौरान कहीं कहीं मृदुला गर्ग को ज़हनी तौर पर भी क़रीब पाएँगे। 26. में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है और दूसरी तरफ़ हमारे मुल्क में ज़हनी बौनापन ( 27. ' झेन' उक्तियाँ पहेलियो से कम नही है, अच्छी खासी ज़हनी वर्ज़िश है, 'समीर उक्तियाँ' भी जारी रहे. 28. सच बात तो ये है कि आज भी मुसलमान ज़हनी तौर पर दूसरे दर्जे के लोग हैं 29. उसकी वुसअत और पिन्हाई का पैमाना तो बाकी आलमें-मौजूदात से उसके ज़हनी और जज़्बाती रिश्ते हैं ; 30. ये बिल्कुल वही ज़हनी रवैया है जिसका पाकिस्तान अस्सी और नब्बे के दशक में शिकार हुआ था.