21. 1917 ई. में माक्र्सवाद से प्रभावित होकर रूस में राज्यक्रांति हुई और जारशाही मिटा दी गई। 22. आज न जारशाही रूस का सर्वहारा है, और न ही लांग मार्च का कृषक समाज। 23. से ही दिखा दिया हैं कि जारशाही के ऊपर दो ताकतें धावा बोल चुकी हैं-एक ओर 24. 1917 ई. में माक्र्सवाद से प्रभावित होकर रूस में राज्यक्रांति हुई और जारशाही मिटा दी गई। 25. 1917 ई. में माक्र्सवाद से प्रभावित होकर रूस में राज्यक्रांति हुई और जारशाही मिटा दी गई। 26. कुछ नेता स्टालिन के नेतृत्व को जारशाही की वापसी के रूप में देख रहे थे. 27. वे अपने मित्र तथा शत्रु को समझने लगे, उसी समय से जारशाही की नींव हिलने लगी । 28. कभी लेनिन ने जारशाही द्वारा गठित रूसी संसद ' डयूमा ' को ' सुअरबाड़ा ' कहा था। 29. वे अपने मित्र तथा शत्रु को समझने लगे, उसी समय से जारशाही की नींव हिलने लगी । 30. रूस की जारशाही केवल एक लेनिन के प्रयास और जनसामान्य की भावना से ध्वस्त हो गयी.