21. मैथुन के पश्चात् तुरंत ही डूश से, या इसी क्रिया के लिए बनी हुई विशेष सिरिंज से योनिमार्ग का प्रक्षालन किया जाता है। 22. मैथुन के पश्चात् तुरंत ही डूश से, या इसी क्रिया के लिए बनी हुई विशेष सिरिंज से योनिमार्ग का प्रक्षालन किया जाता है। 23. 4. डूश न करें-डूशिंग हैल्थी बैक्टिरिया को वैजिना से वॉश कर देता है और यह प्रैक्टिस रिप्रोडक्टिव सिस्टम में इंफेक्शन को बढ़ावा देती है। 24. जबकि, क्रेस्ट कड़वे नीबू ड्रिंक अध्ययन के लेखकों ने सुझाव दिए है कि यह संभोगोत्तर (पोस्टकॉयटल) डूश के रूप में इस्तिमाल किया जा सकता है; 25. 4. डूश न करें-डूशिंग हैल्थी बैक्टिरिया को वैजिना से वॉश कर देता है और यह प्रैक्टिस रिप्रोडक्टिव सिस्टम में इंफेक्शन को बढ़ावा देती है। 26. इसलिए लड़की पैदा करने की इच्छा रखने वाली स्त्रियों को अंड-निष्कासन के दिनों में संभोग करने से पहले सिरके या लैक्टिक अम्ल का डूश लेना चाहिए। 27. इस प्रकार के डूश से अधिक क्षारीय वातावरण बन जाता है जो नर-शुक्राणुओं के लिए ताकत देने वाला और मादा-शुक्राणुओं को समाप्त करने वाला होता है। 28. इसके अतिरिक्त इसमें असुविधाएँ बहुत हैं, जैसे डूश के लिए एकांत स्थान की आवश्यकता, तुरंत उठकर डूश लेना, गरम जल का मिलना आदि और फिर भी अनिश्चित परिणाम। 29. इसके अतिरिक्त इसमें असुविधाएँ बहुत हैं, जैसे डूश के लिए एकांत स्थान की आवश्यकता, तुरंत उठकर डूश लेना, गरम जल का मिलना आदि और फिर भी अनिश्चित परिणाम। 30. इसके अतिरिक्त इसमें असुविधाएँ बहुत हैं, जैसे डूश के लिए एकांत स्थान की आवश्यकता, तुरंत उठकर डूश लेना, गरम जल का मिलना आदि और फिर भी अनिश्चित परिणाम।