21. जन्म-जन्मांतर के पापों को विनष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना के लिए तत्पर होना चाहिए। 22. बहनों को मातृत्व के लिये तत्पर होना है इसलिये जंघाओं को विकास का पूर्ण अवसर भारतीय पारम्पारिक परिधान देते है। 23. समाधान हेतु व्यक्ति को व्यवस्था परिवर्तन का अंग बनकर उस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु तत्पर होना पड़ेगा । 24. बाह्य और अन्तः शुद्धि हो जाने के बाद ध्यान और साधना द्वारा परमात्मा से मिलन की ओर तत्पर होना पड़ता है। 25. समाधान हेतु व्यक् ति को व्यवस्था परिवर्तन का अंग बनकर उस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु तत्पर होना पड़ेगा । 26. उसी को जगना है, उसी को संगठित होना है, उसी को अविवेक के विरूद्ध संघर्ष में तत्पर होना है। 27. श्राद्ध पक्ष में तो मुझे भी मेरे पितरों की तरह जाना है, उनका स्मरण करके सत्कृत्यों का पाथेय बनाने को तत्पर होना चाहिए। 28. फिर दिन, काल, परिस्थितियाँ नहीं देखी जातीं, जब दुश्मन दिख जाता है उसे खदेड़ने के लिए सभी को तत्पर होना ही पड़ता है, क्या करें। 29. पूजा है, किसी संकल्प के लिए शक्ति-आराधन करना. सम्मान से जीने के लिए मृत्यु का वरण करने के लिए भी तत्पर होना . 30. हम सब औरतों को पूरे मन से समाज में नीति निर्धारण की जिम्मेदारी के लिए तत्पर होना ही होगा अन्यथा यह शोषण नहीं रूकेगा ।