21. फिर मधुसूदन ने राधा के चबाये हुए ताम्बूल को लेकर स्वयं खाया। 22. ताम्बूल सेवियों की छाप तो और भी गहरी होती है. ”23. संस्कृत में ताम्बूल , ताम्बूलवल्ली, नागवल्ली आदि अनेक नामों से जाना जाता है। 24. संस्कृत में ताम्बूल , ताम्बूलवल्ली, नागवल्ली आदि अनेक नामों से जाना जाता है। 25. इसके साथ ताम्बूल और श्रद्धा सहित मैं आपको, दक्षिणा समर्पित करता हूँ। 26. स्कंदपुराण के कई अध्यायों के अंतर्गत ताम्बूल का विभिन्न तरीके से वर्णन किया गया है। 27. ताम्बूल का बीड़ा लगाना तथा ताम्बूल खाना अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है।28. ताम्बूल का बीड़ा लगाना तथा ताम्बूल खाना अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है। 29. माँ! सुन्दर रत्नमय पात्र में सजाकर रखा हुआ यह दिव्य ताम्बूल अपने मुख में ग्रहण करो। 30. सुन्दर रत् नमय पात्र में सजाकर रखा हुआ यह दिव्य ताम्बूल अपने मुख में ग्रहण करो।