21. प्राचीन काल में तालपत्र , भोजपत्र आदि पर लिखे आयुर्वेद के अमूल्य रत्नों का संकलन एवं संवर्धन भी इसके प्रमुख उद्देश्य में से एक हैं। 22. नांजियों के कैटलाग में बोधिचर्यावतार की एक भिन्न व्याख्या है, उसमें तीन तालपत्र उपलब्ध हुए, जिनमें शान्तिदेव का जीवन चरित दिया हुआ है। 23. इन छातों को बनाने के लिए बांस के एक डंडे में बांस की पतली खपचियां लगाकर उन पर कपड़ा या तालपत्र लगा दिए जाते थे । 24. इनमें लेखन सामग्री के रूप में बंसपत्र (बांस की पत्तियाँ), तालपत्र (ताड़ की पत्तियाँ) तथा कागज का उपयोग किया गया है। 25. तालपत्र इसके विशाल गेरुए स्तम्भ के पास में शानदार दिखते हैं; इन स्तंभों के बीच से विशाल, सुसज्जित कमरों की खिड़कियों से बाहर झाँकें। सच्चा सुख।26. इसी तरह ग्राम पतोरा दादर से परमेश्वर सिंह नेताम के यहाँ से 100 पृष्ठीय तालपत्र (झाड़-फूकमंत्र) और 50 पृष्ठीय तालपत्र ज्योतिष लग्न सम्बन्धी मिला. 27. इसी तरह ग्राम पतोरा दादर से परमेश्वर सिंह नेताम के यहाँ से 100 पृष्ठीय तालपत्र (झाड़-फूकमंत्र) और 50 पृष्ठीय तालपत्र ज्योतिष लग्न सम्बन्धी मिला. 28. श्री चेतन भाई स्वयं 1000 वर्ष तक पुराने हस्तलेख पढ़ सकते हैं चाहे वे कागज पर लिखे हों या तालपत्र , धातु की पट्टी या शिला खंड पर। 29. 50 पृष्टीय उक्त छोटे तालपत्र में प्राप्त सचित्र पांडुलिपि में जीव-जंतु, वृक्ष, मानव, देवी-देवता, मन्दिर, भवन आदि का चित्रण किया गया है. 30. विद्वानों का कहना है कि उड़िया में पहले तालपत्र पर लौह लेखनी से लिखने की रीति प्रचलित थी और सीधी रेखा खींचने में तालपत्र के कट जाने का डर था।