21. उदास होकर धनुष और तूणीर फेंकते हुए पुरुरवा ने कहा-” अभी तक नहीं। 22. कहकर देखा तूणीर ब्रह्मशर रहा झलक, ले लिया हस्त लक लक करता वह महाफलक। 23. लाखों मनोहर पुष्पों को छोड़कर सिर्फ़ पाँच को ही अपने तूणीर में स्थान देने योग्य 24. ” कृष्ण ने इशारा किया तो एक सेवक गांडीव और तूणीर चिता के पास रख गया। 25. मुरलीधर वैष्णव का ‘अक्षय तूणीर ' लघुकथा संग्रह विषयवस्तु-प्रस्तुति दोनों ही दृष्टि से नयापन लिए हुए है। 26. अपनी धनुही उठाई, कांधे पर तूणीर टांगा और खरबत पहाड़ी की टोह लेने निकल गए। 27. यह कहानी उनके ही लघुकथा संग्रह-“ अक्षय तूणीर ” से ली गई है. 28. लो, तुम्हारे सामने ही, ' पितामह उठे. चलकर गये जहाँ तूणीर टँगा था. 29. ..अब उचित यही होगा कि अपने व्यंग्य बाणों को अपने तूणीर में ही सुरक्षित रख लो, वरन्ं..! 30. एसे अंधे परमाणु अस्त्रों पर और हालात अश्वत्थामा जैसे कि ये अस्त्र लौट कर तूणीर में न आ सकें।