दुर्घटना की तिथि को उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन के समस्त कागजात वैध एवं प्रभावी थे तथा विपक्षी चालक के पास वैध चालन अनुज्ञप्ति थी एवं वाहन विपक्षी सं0-3 दि ओरिएण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 के कवर नोट सं0-710124 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए बीमित था।
22.
वाहन के चालक के पास दुर्घटना की तिथि को वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था एवं विपक्षी का वाहन दि ओरिएण्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, शाखा कार्यालय पीलीभीत से पॉलिसी सं0-252609/31/2010/571 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए वैध एवं प्रभावी रूप से बीमित था।
23.
दुर्घटना की तिथि को विपक्षी के उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन के समस्त कागजात वैध एवं प्रभावी थी तथा चालक के पास वैध चालन अनुज्ञप्ति थी एवं वाहन विपक्षी सं0-3 दि ओरिएण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 के कवर नोट सं0-710124 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए बीमित था।
24.
वाहन के चालक के पास दुर्घटना की तिथि को वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था एवं विपक्षी का उक्त वाहन विपक्षी सं0-3 दि न्यू इंडिया ऐश्योरेस कं0लि0, शाखा कार्यालय पीलीभीत से पॉलिसी सं0-420604/31/08/00003405 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए वैध एवं प्रभावी रूप से बीमित था।
25.
विपक्षी के पास वाहन चलाने का वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था तथा विपक्षी के द्वारा चलाया जा रहा उक्त वाहन विपक्षी सं0-3 दि न्यू इंडिया ऐश्योरेस कं0लि0 शाखा कार्यालय, पीलीभीत से पॉलिसी सं0-420604/31/08/00003405 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए वैध एवं प्रभावी रूप से बीमित था।
26.
दुर्घटना की तिथि को दुर्घटनाग्रस्त वाहन के समस्त कागजात वैध एवं प्रभावी थे तथा वाहन के चालक के पास वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था एवं वाहन विपक्षी सं0-2 दि न्यू इंडिया ऐश्योरेंस कं0लि0, शाखा कार्यालय अल्मोड़ा से पॉलिसी सं0-420902/31/07/01/00004211 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए बीमित था।
27.
ऐसी स्थिति में दीवानी वाद सं0-15 / 04. गुणदोष के आधार पर अंतिम रूप से निस्तारित हो गया है, तो उक्त परिस्थिति में दीवानी वाद सं0-15/04शंकराचार्य जोशी बनाम सुरेश चन्द्र कुलेठा की पत्रावली में तृतीय पक्षकार महेश चन्द्र कुलेठा को पक्षकार के रूप में आवश्यक पक्षकार बनाया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।
28.
जबकि विपक्षी सं0-2 द्वारा अपने लिखित उत्तर के पैरा-11 में यह स्पष्टतः स्वीकार किया गया कि उत्तरदाता के पास वाहन चलाने का वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था और उक्त वाहन सं0-यू0के0 03-6143 विपक्षी सं0-3 नेशनल इंश्योरेंस कं0लि0, से पॉलिसी संख्या-00548537 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए वैध एवं प्रभावी रूप से बीमित था।
29.
जबकि विपक्षी सं0-2 द्वारा अपने लिखित उत्तर के पैरा-10 में यह स्पष्टतः स्वीकार किया गया कि उत्तरदाता के पास वाहन चलाने का वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था और उक्त वाहन सं0-यू0ए0 03-2972 विपक्षी सं0-3 दि आरिएण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 से कवरनोट संख्या-710364 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए वैध एवं प्रभावी रूप से बीमित था।
30.
कथित दुर्घटना की तिथि दिनांकः24-11-2009 को विपक्षी उत्तरदाता के उक्त वाहन के समस्त कागजात वैध थे तथा वाहन के चालक के पास उक्त कथित तिथि को वैध एवं प्रभावी चालन अनुज्ञप्ति था एवं विपक्षी उत्तरदाता का उक्त वाहन विपक्षी सं0-2 यूनाईटेड इण्डिया इन्श्योंरेंस कं0लि0, शाखा कार्यालय पिथौरागढ़ से पॉलिसी सं0-080903/31/08/01/00002627 से तृतीय पक्षकार हेतु असीमित दायित्वों के लिए बीमित था।
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