21. जब कहा “विदा बेला प्रियतम कर लूँ सम श्लथ दुकूल अपना ।” 22. नग्न हुई हर डाली सतत समस्यायी शूलों में उलझे रहे दुकूल ... 23. भव्यता धारण किये शुचि धवल दिव्य दुकूल , या खिले जीवन-लता पर ये सुयश के फूल। 24. पहन चाँदनी के दुकूल धर शीतल घन उर सजा तारों से अंग मृदुल नयनों में दीप झिल मिल । 25. बेला विभ्रम की बीत चली रजनीगंधा की कली खिली अब सांध्य मलय आकुलित दुकूल कलित हो यों छिपते हो क्यों? 26. सत्पथ में हैं विघ्न दृष्टि सबकी मैली है॥ काँटों में खिल रहे फूल से, माँ के ममतामय दुकूल से। 27. बेला विभ्रम की बीत चली रजनीगंधा की कली खिली अब सांध्य मलय आकुलित दुकूल कलित हो यों छिपते हो क्यों? झरना 28. घाम सों बामलता मुरझानी, बयारि करैं घनश्याम दुकूल सों कंपत यों प्रगटयो तन स्वेद उरोजन दत्ता जू ठोड़ी के मूल सों। 29. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शुक्रवार को ग्वालियर में आईटी पार्क के लोकार्पण एवं गारमेन्ट पार्क ' दुकूल ' के शिलान्यास समारोह में की। 30. महाकवि बाणभट्ट ने हर्षचरित्म में बताया है कि इंद्रसभा में मां सरस्वती ने कल्पवृक्ष से प्राप्त् श्वेत दुकूल धारण किए हुए थे ।