21. दूज का चाँद झील में उतरा है दूज का चाँद , चाँदी की लकीर है नीर में लिपटी हुई । 22. नहीं जानती कि धूप तो कब की जा चुकी है अब तो दूज का चाँद भी ढलने को है...... 23. आसमान को तका और बर्फ-सी चमचम सफेद दरांती की तरह उतर आया पूरे जिस्म में जाना दूज का चाँद था।... 24. आसमान को तका और बर्फ-सी चमचम सफेद दरांती की तरह उतर आया पूरे जिस्म में जाना दूज का चाँद था। 25. आसमान को तका और बर्फ-सी चमचम सफेद दरांती की तरह उतर आया पूरे जिस्म में जाना दूज का चाँद था। 26. पक कर तैयार है धान की फसल दूज का चाँद पंहट कर अपनी हंसिया फसल कटाई की शुरुआत कर रहा है 27. बचपन से हम देखते हैं कि सभी रोज़ेदार इस कोशिश में लगे रहते हैं कि दूज का चाँद दिखाई दे जाये और 28. श्रृंखला का समापन किया फिल्म दूज का चाँद के मन्नाडे के गाए इस गीत से-फूल गेंदवा न मारो लगत करेजवा पे चोट। 29. श्रृंखला का समापन किया फिल्म दूज का चाँद के मन्नाडे के गाए इस गीत से-फूल गेंदवा न मारो लगत करेजवा पे चोट। 30. यह गाना है फ़िल्म ' दूज का चाँद ' का, “ चाँद तकता है इधर ”, मोहम्मद रफ़ी और सुमन कल्याणपुर ने गाया है।