21. (अ) देव भावनाप्रत्येक समाज में देववाद किसी न किसी रुप मे प्रचलित रहा है. 22. रोम का देववाद कल्पना और विविधता की दृष्टि से यूनानियों से भी व्यापक था। 23. इस परिस्थिति से भारतीय देववाद का स्वरूप और महत्व अपेक्षाकृत अधिक व्यापक हो गया। 24. जैसे यूनानी देववाद में ज़्यूस की मान्यता थी, उसी प्रकार रोम के देववाद में जुपिटर की। 25. जैसे यूनानी देववाद में ज़्यूस की मान्यता थी, उसी प्रकार रोम के देववाद में जुपिटर की। 26. संक्षेप में, स्पेंसर का दार्शनिक दृष्टिकोण देववाद और प्रत्यक्षवाद के एक संयोजन से मिलकर बना था. 27. बहुत तरह से यूनानी देवी देवता नाम परिवर्तन के साथ रोम के देववाद में संमानित हुए। 28. सभी धर्मों ने केवल देववाद और पूजा-पाखंड तक ही अपने कर्तव् य की इतिश्री नहीं समझी। 29. प्रत्यक्षवाद और उनके शेष देववाद के बीच यह तनाव कृत्रिम दर्शनशास्र की पूरी प्रणाली में बना रहा. 30. देववाद के नाम पर अज्ञान मित्रो! हिंदू धर्म में उसी जमाने में एक और क्रांति हुई है।