21. पर्याप्त प्रतीक्षा के बाद, अचानक, अक्टूबर 1978 में, विदेश-मंत्रालय, नई दिल्ली के हिन्दी-अधिकारी श्री बच्चूप्रसाद सिंह जी का निजी पत्र (दि. 22. वे अपने सभी निजी पत्र हिन्दी में ही लिखते थे किन्तु दक्षिण भारत के भक्तों को सदैव संस्कृत में उत्तर देते थे। 23. लेकिन रूकिये, यह नेता प्रतिपक्ष का पत्र किसी संभावित राष्ट्राध्यक्ष के लिए था या फिर निजी पत्र किसी नेता के नाम था? 24. वे अपने सभी निजी पत्र हिन्दी में ही लिखते थे किन्तु दक्षिण भारत के भक्तों को सदैव संस्कृत में उत्तर देते थे। 25. पत्र का मजमून तो यही कहता है कि यह निजी पत्र है जो किसी करिश्माई नेता से अभिभूत होकर लिखा गया है. 26. वे अपने सभी निजी पत्र हिन्दी में ही लिखते थे किन्तु दक्षिण भारत के भक्तों को सदैव संस्कृत में उत्तर देते थे। 27. 27 अगस्त 1930 में एक अंग्रेज अधिकारी ए. एच. गजनवी द्वारा तत्कालीन वायसराय के कार्यालय को एक निजी पत्र भेजा गया। 28. ये सवाल अब भी बना हुआ है कि एक सार्वजनिक टिप् पणी पर लिखे गये निजी पत्र को किस रूप में लिया जाए। 29. बड़ी सड़कों को देखकर चले जाना मानो एक लिफाफे को देखकर बिना उसके भीतर के निजी पत्र की बात पढ़े ही चल देना है! 30. ग़ालिब ने पत्रों के छापने की इजाज़त तो दे दी थी, परंतु वह चाहते यह थे कि इस संग्रह में उनके निजी पत्र शामिल न किए जाएँ।