21. घर व परिवार की संस्था के बावजूद व्यक्ति व निजी सम्पति की अवधारणा उन अर्थो में विकसित नहीं हुई जिन अर्थो में इसे समझा जाता है। 22. घर व परिवार की संस्था के बावजूद व्यक्ति व निजी सम्पति की अवधारणा उन अर्थो में विकसित नहीं हुई जिन अर्थो में इसे समझा जाता है। 23. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है..” 24. विस्थापन का दौर ऐसा शुरू हुआ कि उद्योगपतिओं पूंजीपतियों और सरकारी गठबंधन को मानो किसी की भी निजी सम्पति पे पहला और असीम अधिकार हो. 25. पुलिस या असमाजिक तत्वों द्वारा भडकावे की कार्यवाही के बाबजूद किसी प्रकार से आगजनी, पथराव व सरकारी या निजी सम्पति की तोड़ फोड़ नहीं करनी चाहिए। 26. भारत की दशा इस देश और दुनिया में निजी सम्पति को समाप्त कर रूस और चाइना की तरह क्रांति करनी होगी इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है 27. डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पति है जिससे सहमत होना 28. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है.. 29. ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचना और विचार उनकी निजी सम्पति है जिससे सहमत होना 30. साहित्य से लेकर दर्शन तक में पूंजीवाद के निजी सम्पति के अधिकार और श्रम, जमीन और मुद्रा को माल में बदल देने के पक्ष में माहौल बनया जाता है.