21. लेकिन आज का युवा कवि परमुखापेक्षी है, पंगु है या कुंद है। 22. परमुखापेक्षी होने का अर्थ है-हम अपने को दूसरों की नजरों में बनाना चाहते है।23. परमुखापेक्षी होने का अर्थ है-हम अपने को दूसरों की नजरों में बनाना चाहते है।24. परमुखापेक्षी होने का अर्थ है-हम अपने को दूसरों की नजरों में बनाना चाहते है।25. आज इसी को खोकर हम मणिहीन सर्प की तरह दीन-हीन एवं परमुखापेक्षी बने हुए हैं ।। 26. दूसरी और साहित्य में कविता इतनी नखरीली, सुविधाभोगी व परमुखापेक्षी हो गई कि पूरी की पूरी छद्म बन गई। 27. इस तरह ब्राह्मण जहां व्यक्ति को परतंत्र और परमुखापेक्षी बनाता था वहीं बौद्ध दर्शन ने स्वतंत्र और स्वावलंबी बनाया. 28. परमुखापेक्षी होने की बजाय खुद को समर्थ बनायें हम हिन्दुस्तानी, तो अमेरिका क्या कोई भी हमें अनदेखा नहीं कर सकता।29. अपनी जड़ों से कटे नकलचीपन और परमुखापेक्षी हमारा व्यक्तित्व हमें बार बार ऐसे आन्दोलन का पिछलग्गू बनाने की प्रेरणा देगा. 30. इस गणतंत्र पर हम आत्मालोचन करें कि कि हमने इसे क्या दिया? परमुखापेक्षी होना स्वाभिमान का लक्षण नहीं है.