21. पाचकनली के पेशीसमूह के संकोच (आंत्रगति) अनुकंपी से कम होते हैं और परानुकंपी से बढ़ते हैं। 22. जैसा ऊपर बताया गया है, अनुकंपी और परानुकंपी विभागों की क्रियाएँ एक दूसरे से विरुद्ध हैं। 23. कायोत्सर्ग परानुकंपी नाडी तंत्र को सक्रिय बनाता है और तनाव के मूल कारण बदल देता है। 24. पाचकनली के पेशीसमूह के संकोच (आंत्रगति) अनुकंपी से कम होते हैं और परानुकंपी से बढ़ते हैं। 25. जैसा ऊपर बताया गया है, अनुकंपी और परानुकंपी विभागों की क्रियाएँ एक दूसरे से विरुद्ध हैं। 26. परानुकंपी के तंतु वागस द्वारा पहुँचकर हृदय को रोकते हैं, अनुकंपी से हृदय की गति बढ़ती है।27. परानुकंपी के तंतु वागस द्वारा पहुँचकर हृदय को रोकते हैं, अनुकंपी से हृदय की गति बढ़ती है।28. जैसा ऊपर बताया गया है, अनुकंपी और परानुकंपी विभागों की क्रियाएँ एक दूसरे से विरुद्ध हैं। 29. चेहरा मांसल ग्रंथि और अवअधोहनुज ग्रंथि को अस्थि त्य्म्पनी के माद्यम से परानुकंपी फाइबर की आपूर्ति करता है. 30. यह सिर और गर्दन की कई गंडिकाओं (गैंगलिया) को प्रीगैंग्लियोनिक परानुकंपी (पैरासिम्पैथेटिक) तंतु की आपूर्ति भी करती है।