21. एक पितृवंशीय परिवार पिता और उसके बच्चों से मिलकर बनता है तथा बच्चे पिता के नाम से जाने जाते हैं। 22. भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान और यूरोप में विस्तृत हिन्द-यूरोपीय जातियाँ पारम्परिक रूप से अपने समाजों में पितृवंशीय व्यवस्था रखा करती थीं। 23. एक पितृवंशीय परिवार पिता और उसके बच्चों से मिलकर बनता है तथा बच्चे पिता के नाम से जाने जाते हैं। 24. यद्यपि वहाँ का समाज पितृवंशीय है, फिर भी युगल परिवार वहाँ किसी एक बृहत्तर कुटुंब का अंग नहीं माना जाता। 25. कंद मूल और शिकार पर बसर करनेवाले अंडमानी आदिमवासियों में एकपत्नीत्व का नियम है और वे पितृवंशीय तथा पितृस्थानीय हैं। 26. गोत्र मातृवंशीय भी हो सकता है और पितृवंशीय भी: जरूरी नहीं कि गोत्र किसी आदिपुरूष के नाम से चले। 27. कंद मूल और शिकार पर बसर करनेवाले अंडमानी आदिमवासियों में एकपत्नीत्व का नियम है और वे पितृवंशीय तथा पितृस्थानीय हैं। 28. यद्यपि वहाँ का समाज पितृवंशीय है, फिर भी युगल परिवार वहाँ किसी एक बृहत्तर कुटुंब का अंग नहीं माना जाता। 29. पितृवंशीय परिवार नाभिकीय या संयुक्त दोनों में से कोई भी हो सकता है, परन्तु मातृवंशीय परिवार अधिकांशत: संयुक्त होता है।30. (3) द्विवंशीय-यह भी एक पक्षीय वंश का ही एक रूप है जिसमें मातृवंशीय एवं पितृवंशीय के गुण मिले रहते है।