21. ' पुष्पिका ने अभी-अभी प्रसव किया है किंतु उसके पुत्र को एक राक्षसी उठा ले गयी है। 22. इसी अंक के अंत में एक दूसरे हस्तलेख में की पुष्पिका में ' देवदत्त गुरु' नाम मिलता है । 23. अलग, अलग संस्करणों में अध्यायों के नाम में अन्तर मिलते हैं,परन्तु ‘पुष्पिका' में अन्तर नहीं रहता.यह पुष्पिका गौरतलब है.” 24. अलग, अलग संस्करणों में अध्यायों के नाम में अन्तर मिलते हैं,परन्तु 'पुष्पिका' में अन्तर नहीं रहता.यह पुष्पिका गौरतलब है.” 25. “ अखरावट ' की हस्तलिखित प्रति पुष्पिका में जुम्मा ८ जुल्काद ९ ११ हिजरी का उल्लेख मिलता है। 26. आठवें भाग में समाप्ति पुष्पिका नहीं दी गई है, जिससे स्पष्ट है कि रचना अभी पूर्ण नहीं है। 27. == परिचय == न्यायकन्दली के पुष्पिका भाग में श्रीधर ने अपने देश-काल के सम्बन्ध में कुछ विवरण दिया है। 28. ' सौन्दरनन्द' नामक महाकाव्य की पुष्पिका से ज्ञात होता है कि इनकी माता का नाम सुवर्णाक्षी था तथा ये साकेत के निवासी थे। 29. पौष शुक्ला १४ को राजपुर (अहमदाबाद) में तपागच्छीय सहजविमल द्वाराप्रतिलिपि प्रति है, जिसकी अंतिम पुष्पिका में इसे 'दीप-पूजा विषये रास' संज्ञादी गई है. 30. इस अद्भुत बालक को देखकर पुष्पिका चकित और दुःखी ही नहीं हुई, बल्कि भय से कांपती हुई वह प्रसूति-गृह से बाहर भागी।