21. वैश्वीकरण ने इस पूंजी संचय , शोषण और विषमताओं को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है । 22. प्रभात पटनायक इसे ‘ अतिक्रमण के माध्यम से पूंजी संचय ' का नाम देना चाहते हैं। 23. आंकड़ों के लिहाज से पूंजी संचय संभव है, जैसा कि भारत में पिछले 15 सालों में हुआ है। 24. पूंजी संचय का स्रोत सिर्फ देश के अन्दर किसानों का विस्थापन और मजदूरों का शोषण नहीं था ।25. पूंजी संचय का स्रोत सिर्फ देश के अन्दर किसानों का विस्थापन और मजदूरों का शोषण नहीं था ।26. पूंजी संचय का स्रोत सिर्फ देश के अन्दर किसानों का विस्थापन और मजदूरों का शोषण नहीं था ।27. नन्दीग्राम भी भारत का ‘ प्राथमिक पूंजी संचय ‘ है और पूंजीवाद के आगे बढ़ने की निशानी है? 28. नन्दीग्राम भी भारत का ‘ प्राथमिक पूंजी संचय ‘ है और पूंजीवाद के आगे बढ़ने की निशानी है? 29. आंकड़ों के लिहाज से पूंजी संचय संभव है, जैसा कि भारत में पिछले 15 सालों में हुआ है। 30. इस मॉडल में पूंजी संचय को प्राथमिकता देने से समाज के बड़े हिस्से की खाद्य सुरक्षा खतरे में है।