21. जैसी वस्तु है, उसे वैसा ही देखना, वैसा कहना व वैसा ही प्रतिपादन करना सत्य है. 22. उन आचार्यों ने अर्थशास्त्र की रचनाएं कीं, जिनका उद्देश्य पृथ्वी-विजय तथा उसके पालन के उपायों का प्रतिपादन करना था। 23. उन आचार्यों ने अर्थशास्त्र की रचनाएं कीं, जिनका उद्देश्य पृथ्वी-विजय तथा उसके पालन के उपायों का प्रतिपादन करना था। 24. परंतु फिर भी उसने दो प्रश्न किए और उनके उत्तर में याज्ञवल्क्य को अपने दर्शन का प्रतिपादन करना पड़ा था। 25. ठोस अवस्था के सिद्धांत का लक्ष्य ठोस के विभिन्न गुणों का पारमाणविक तथा नाभिकीय सिद्धांतों के आधार पर प्रतिपादन करना है। 26. आध्यात्मिक समाजवाद इस सामाजिक क्रांति के लिए आध्यात्मिक सिद्धांतों का प्रतिपादन करना आवश्यक है, जो हमारे ऋषियों ने बनाया था। 27. ठोस अवस्था के सिद्धांत का लक्ष्य ठोस के विभिन्न गुणों का पारमाणविक तथा नाभिकीय सिद्धांतों के आधार पर प्रतिपादन करना है। 28. ठोस अवस्था के सिद्धांत का लक्ष्य ठोस के विभिन्न गुणों का पारमाणविक तथा नाभिकीय सिद्धांतों के आधार पर प्रतिपादन करना है। 29. समाजसुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती की इस रचना (सन् 1875) का मुख्य प्रयोजन सत्य को सत्य और मिथ्या को मिथ्या ही प्रतिपादन करना है। 30. समाजसुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती की इस रचना (सन् 1875) का मुख्य प्रयोजन सत्य को सत्य और मिथ्या को मिथ्या ही प्रतिपादन करना है।