102. शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना-शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार उसी क्षण प्रारंभ हो जाता है, जब अपराध करने के प्रयत्न या धमकी से शरीर के संकट की युक्तियुक्त आशंका पैदा होती है, चाहे वह अपराध न किया गया हो, और वह तब तक बना रहता है जब तक शरीर के संकट की ऐसी आशंका बनी रहती है ।
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102. शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना-शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार उसी क्षण प्रारंभ हो जाता है, जब अपराध करने के प्रयत्न या धमकी से शरीर के संकट की युक्तियुक्त आशंका पैदा होती है, चाहे वह अपराध न किया गया हो, और वह तब तक बना रहता है जब तक शरीर के संकट की ऐसी आशंका बनी रहती है ।
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सफाई पक्ष की ओर से विद्धान अधिवक्ता ने 2008 (4) क्रिमनल कोर्ट केसेस पृष्ठ 806 (एस0सी0) एवं 2001 (4) एपेक्स कोर्ट जरनल पृष्ठ 679 (एस0सी0) की विधि व्यवस्थाएं पेष की हैं और कहा है कि प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का बचाव लेना आवष्यक नहीं है, यदि परिस्थितियों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है और यह सम्भव नजर आता हो कि अभियुक्त द्वारा एक्सरसाइज आफ राइट आफ प्राइवेट डिफेन्स में मृत्यु कारित की गई हो।
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आप ने मानव मात्र के प्राइवेट प्रतिरक्षा (भारतीय दंड संहिता की धाराएँ १ ० २ व १ ० ५) का अधिकार छीन लिया है | आप दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १ ९ ६ के अधीन अपने संरक्षण में अजान द्वारा मानव मात्र को गाली दिलवाने के लिए विवश हैं | आप ने अपने वैदिक सनातन धर्म की रक्षा का अधिकार त्याग दिया है | इसको जानने के लिए कृपया निम्नलिखित लिंक पर जाएँ:
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99. कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है-यदि कोई कार्य, जिससे मॄत्यु या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित नहीं होती, सद््भावपूर्वक अपने पदाभास में कार्य करते हुए लोक सेवक द्वारा किया जाता है या किए जाने का प्रयत्न किया जाता है तो उस कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है, चाहे वह कार्य विधि-अनुसार सर्वथा न्यायानुमत न भी हो ।
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99. कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है-यदि कोई कार्य, जिससे मॄत्यु या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित नहीं होती, सद््भावपूर्वक अपने पदाभास में कार्य करते हुए लोक सेवक द्वारा किया जाता है या किए जाने का प्रयत्न किया जाता है तो उस कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है, चाहे वह कार्य विधि-अनुसार सर्वथा न्यायानुमत न भी हो ।
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106. घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि निर्दो ष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है-जिस हमले से मॄत्यु की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित होती है उसके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में यदि प्रतिरक्षक ऐसी स्थिति में हो कि निर्दो ष व्यक्ति की अपहानि की जोखिम के बिना वह उस अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से न कर सकता हो तो उसके प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार वह जोखिम उठाने तक का है ।
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106. घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि निर्दो ष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है-जिस हमले से मॄत्यु की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित होती है उसके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में यदि प्रतिरक्षक ऐसी स्थिति में हो कि निर्दो ष व्यक्ति की अपहानि की जोखिम के बिना वह उस अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से न कर सकता हो तो उसके प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार वह जोखिम उठाने तक का है ।
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106. घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि निर्दो ष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है-जिस हमले से मॄत्यु की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित होती है उसके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में यदि प्रतिरक्षक ऐसी स्थिति में हो कि निर्दो ष व्यक्ति की अपहानि की जोखिम के बिना वह उस अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से न कर सकता हो तो उसके प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार वह जोखिम उठाने तक का है ।
प्राइवेट प्रतिरक्षा sentences in Hindi. What are the example sentences for प्राइवेट प्रतिरक्षा? प्राइवेट प्रतिरक्षा English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.