21. प्रोद्भूत किन्तु देय नहीं आय / व्यय के अधीन शेष को तुलन-पत्र में ले जाया जाना चाहिए ।22. क्रेता द्वारा प्रोद्भूत लाभांश (कूपन) को रेपो ब्याज आय खाता में जमा किया जाना चाहिए । 23. उसके बाद उस जमा पर ब्याज प्रोद्भूत नहीं होगा बशर्ते जमा का नवीकरण न किया जाए । 24. इसके अतिरिक्त, रेपो/प्रत्यावर्तित रेपो लेनदेन में प्रोद्भूत प्राप्त/संदत्त/ब्याज और स्पष्ट मूल्य (अर्थात् प्रोद्भूत ब्याज घटाकर कुल नकद प्रतिफल) 25. इसके अतिरिक्त, रेपो/प्रत्यावर्तित रेपो लेनदेन में प्रोद्भूत प्राप्त/संदत्त/ब्याज और स्पष्ट मूल्य (अर्थात् प्रोद्भूत ब्याज घटाकर कुल नकद प्रतिफल) 26. ब्याज (लाभांश (कूपन) वाली लिखतों के संबंध में, क्रेता रेपो की अवधि के दौरान ब्याज प्रोद्भूत करेगा । 27. 0. 0502 (0.0635* रुपए का 3 दिन का प्रोद्भूत ब्याज-0.0133 रुपए के स्पष्ट मूल्य में अंतर का प्रभाजन) 28. के प्रति के रूप में इस प्रोद्भूत दायित्व के साथ निपटने के लिए उचित प्रक्रिया होगा? अब देता है,... 29. लेनदेन के दोनों चरणों के बीच संदत्त प्रोद्भूत ब्याज में अंतर को, यथास्थिति, यथा रेपो ब्याज/आय/व्यय लेखा दर्शाया जाना चाहिए; और 30. जहां क्रेता रेपो अवधि के दौरान कूपन बुक करेगा, वहीं विक्रेता रेपो की अवधि के दौरान लाभांश (कूपन) प्रोद्भूत करेगा ।