21. तब इंदिरा गाँधी ने फ़ील्ड मार्शल जनरल मॉनेक शॉ से परामर्श करके भारतीय सेना को अपना काम शीघ्रता से निपटाने का आदेश दिया। 22. फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा के बाद सैम मानेकशॉ को भारतीय सेना के सर्वोच्च पद 'फिल्ड मार्शल' से सम्मानित किया गया है ।23. फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पाने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था ।24. तब इंदिरा गाँधी ने फ़ील्ड मार्शल जनरल मॉनेक शॉ से परामर्श करके भारतीय सेना को अपना काम शीघ्रता से निपटाने का आदेश दिया। 25. फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पाने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था ।26. युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को नाको चने चबवा दिए और इसका श्रेय काफ़ी हद तक फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को जाता है। 27. के दौरान, मिलानीज़ों ने ऑस्ट्रियाई शासन के खिलाफ़ विद्रोह किया और फ़ील्ड मार्शल राडेट्ज़्की को शहर से अस्थाई रूप से वापस जाने पर मजबूर किया गया. 28. जनरल मॉनेक शॉ जब फ़ील्ड मार्शल बने, तब उन्होंने देखा कि मोटराइज्ड, स्वचालित तोपों में प्रत्येक में उतने ही-यानी 5 सैनिक तैनात रहते थे! 29. फ़ील्ड मार्शल सर फ़िलिप चैटवुड ने इसका उदघाटन किया था और उन्हीं के नाम पर अकादमी की प्रमुख इमारत का नाम चैटवुड बिल्डिंग रखा गया. (सभी तस्वीरें:30. फ़ील्ड मार्शल मानेकशा के निधन पर उनके सम्मान में राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं घोषित किया गया? कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता उनकी अंत्येष्टी में नहीं पहुँचा.