21. कुनद हम जिंस बाहम जिंस परवाज़ कबूतर बा कबूतर बाज़ बा बाज़ 22. और सच के मुआमले में बाहम कुदूरतें (परस्पर इर्ष्या) हैं। 23. ऐसी हालत में बैठे होने के वक्त दोनों का असर बाहम न मिल सकेगा। 24. ये मौजूदा तारीक-ए-अदम होंगे! नयी तहजीब होगी, औ नए सामां बाहम होंगे!! 25. 14. बाहम शब-ए-विसाल ग़लत फ़हमियाँ हुईं मुझको परी का शुबह हुआ, उनको भूत का 15. 26. रब्ता बाहम पे हमें क्या न कहेंगे दुश्मन आशना जब तेरे पैग़ाम से जल जाते हैं 27. ******* गुफ्तुगू होगी जो बाहम तो बनेगा माहौल, कुछ सुनाओगे उसे और सुनोगे उसको. 28. रात झिगुरों मे बाहम गुफ्तगू होती रही, अब अंकबूतों का बसेरा बन गया सहने खला। 29. जब तक रात दिन बाहम मिलते रहें सलाम हो हुसैन इब्ने अली शहीद पर, सलाम हो 30. लेकिन अगर बुध की नाली से कभी मिल जावें तो वह बाहम बुरा असर न देंगे।