21. कहीं कहीं बाह्य प्रकृति के बहुत ही सांग और संश्लिष्टल खंड चित्र पाए जाते 22. जीवन में मनुष्य की आन्तरिक और बाह्य प्रकृति तथा चिन्तन और कर्म के सभी क्षेत्रों 23. इस तरह, मेरे चितेरे ह्रदय की, बाह्य प्रकृति बनी चमत्कृत चित्र थी ” 24. तो नर प्रकृति के वर्णन में ही अधिकतर लीन रहते हैं, कुछ बाह्य प्रकृति के 25. “ इस तरह, मेरे चितेरे ह्रदय की, बाह्य प्रकृति बनी चमत्कृत चित्र थी ” 26. इसीलिए वे अन्तः व बाह्य प्रकृति पर जप करके सत्य के साक्षात्कार की चेष्टा कर सकते हैं। 27. कवि की समस्त कृतियों में बाह्य प्रकृति और अन्तःप्रकृति का रोचक मनोरम चित्र अंकित हुआ है । 28. विरहवर्णन में भक्तवर सूरदास जी ने भी गोपियों के हृदय के रंग में बाह्य प्रकृति को रँगा है। 29. जिसका बाह्य प्रकृति के साथ सामंजस्य एवं संतुलन बनाए रखने का उत्तरदायित्व क्रियावाही तंतुओं का होता है. 30. प्राच्य ऋषियों का उद्देश्य बाह्य प्रकृति से अंतः प्रकृति में प्रवेश कर तथा उसे पार कर आनंद पाना था।