21. इसलिए प्रार्थिनी ने विपक्षी से मुबलिग 10, 000/-रूपए मासिक भरण-पोषण भत्ता दिलाए जाने हेतु यह याचिका प्रस्तुत की है। 22. घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 में पिछला भरण-पोषण भत्ता दिए जाने का कोई प्राविधान नहीं है। 23. अलग-अलग धर्मों में महिलाओं के भरण-पोषण भत्ता की अधिकारों की सीमा भी अलग-अलग है पर यह अलगाव अब टूट रहा 24. इसीलिए विद्वान अवर न्यायालय द्वारा निगरानीकर्ता / विपक्षी के विरुद्ध मुवलिग-1,000/-रु. मासिक भरण-पोषण भत्ता अदा करने का आदेश पारित किया गया। 25. अलग-अलग धर्मों में महिलाओं के भरण-पोषण भत्ता की अधिकारों की सीमा भी अलग-अलग है पर यह अलगाव अब टूट रहा है। 26. अलग-अलग धर्मों में महिलाओं के भरण-पोषण भत्ता की अधिकारों की सीमा भी अलग-अलग है पर यह अलगाव अब टूट रहा है। 27. अलग-अलग धर्मों में महिलाओं के भरण-पोषण भत्ता (maintenance) की अधिकारों की सीमा भी अलग-अलग है पर यह अलगाव अब टूट रहा है। 28. इस समय यह समीकरण बदल गया है और कम से कम पति की आय का १ / ३ भाग पत्नी को भरण-पोषण भत्ता दिया जाता है। 29. इस समय यह समीकरण बदल गया है और कम से कम पति की आय का १ / ३ भाग पत्नी को भरण-पोषण भत्ता दिया जाता है। 30. यह लोग भी कभी-कभी अलग हो जाते हैं तब सवाल उठता है कि इसमें से किसी एक को भरण-पोषण भत्ता मिलना चाहिए या नहीं।