21. प्रविष्टि के बाद ही भाववाचक संज्ञा शब्द आदि को कोष्ठक में रखा गया है। 22. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाई जाती है और फिर उस भाववाचक संज्ञा को विशेषण मानते 23. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाई जाती है और फिर उस भाववाचक संज्ञा को विशेषण मानते 24. भाववाचक संज्ञाः किसी भी प्रकार के भाव, गुण अथवा क्रिया के नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। 25. अभि से ' अभिधा ' शब्दशक्ति और व्यक्ति से ' व्यक्त ' की भाववाचक संज्ञा से तात्पर्य है। 26. चिरकुटपना ' में वह भाववाचक संज्ञा बन जाता है जो कहीं न कहीं तुच्छता से जुड़ा है. 27. जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। 28. कोई वस्तु या जानवर या वनस्पति या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका ज्ञान अभ्यास से होता है। 29. कोई वस्तु या जानवर या वनस्पति या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका ज्ञान अभ्यास से होता है। 30. 3. भाववाचक संज्ञा-जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।