21. ग्रह का जो भोगांश है उसे 2 से गुणा करें और जो संख्या प्राप्त हो उसे 12 से भाग दें. 22. दोनों ग्रहों के भोगांश का अंतर, दोनों ग्रहों के दीप्तांश के योग के आधे से कम होना चाहि ए. 23. सूर्य का भोगांश जब जन्म भोगांशों के बराबर आता है (राशि को छोड़कर अंश-कला में) तो मास प्रवेश होता है। 24. इस योग के लिए जरूरी है-तीव्र गति, कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति, अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो। 25. इस योग के लिए जरूरी है-तीव्र गति, कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति, अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो। 26. पुनः ख, ख1 और सूर्य एक रेखा में आये अर्थात् बुध और सूर्य के भोगांश समान हुए अर्थात् बुध की दोबारा अन्तर्युति हुई। 27. -त्र धूम: सूर्य के भोगांश $ 133020 त्र पथ: 360-धूम त्र परिधि: पथ $ 1800 त्र इंद्रचाप: 28. अब हम मान लेते हैं कि शनि का भोगांश 11 अंश 22 कला है तथा मंगल का भोगांश 9 अंश 15 कला है. 29. अब हम मान लेते हैं कि शनि का भोगांश 11 अंश 22 कला है तथा मंगल का भोगांश 9 अंश 15 कला है. 30. ग्रह के भोगांश के आधार पर गणना करने पर माना 3 शेष बचता है तो इसमें 1 जोड़ने पर 4 संख्या प्राप्त होती है.