21. गैराज की छत से साँप जैसी बिजली की तार लटक रही थी और उसमें एक मध्दिम रोशनी का बल्ब जल रहा था। 22. सामने ही मुंशीजी अपनी जिंगला खटिया के गङ्ढे में, कुप्पी के मध्दिम प्रकाश में खसरा-खतौनी बिछाए मीजान लगाने में मशगूल थे। 23. कुछ क्षण आनंद के हिचकोले मुझे झुलाते रहे और उन हिचकोलों में चुभन की पीड़ा भी कुछ मध्दिम होती सी प्रतीत हुई। 24. अब तो रोना ही जीवन बनने जा रहा था ऊपर छत पर कुण्डलि मारे मध्दिम रोशनी का बल्ब पीली सी रोशनी दे रहा था। 25. उन्हें सुनें तो लगता है जैसे सहरा में एक बाबा बाजा लेकर बैठ गए हैं और कन्दील की मध्दिम रोशनी में आपको मनचाही बंदिशें सुना रहे हैं. 26. उन्हें सुनें तो लगता है जैसे सहरा में एक बाबा बाजा लेकर बैठ गए हैं और कन्दील की मध्दिम रोशनी में आपको मनचाही बंदिशें सुना रहे हैं. 27. वहाँ हमने छोटे से कमरे में पसीने से लथपथ एक व्यक्ति को देखा, जो बल्ब की मध्दिम रोशनी में हथकरघे पर बैठकर साड़ी बुन रहा था । 28. वहाँ हमने छोटे से कमरे में पसीने से लथपथ एक व्यक्ति को देखा, जो बल्ब की मध्दिम रोशनी में हथकरघे पर बैठकर साड़ी बुन रहा था । 29. उन्हें सुनें तो लगता है जैसे सहरा में एक बाबा बाजा लेकर बैठ गए हैं और कन्दील की मध्दिम रोशनी में आपको मनचाही बंदिशें सुना रहे हैं. 30. अभी तक वह षिवराज की स्वच्छ छबि का ढिंढौरा पीटती फिर रही थी, लेकिन सिंधिया के सामने आने से स्वच्छ छबि का बखान अपने आप मध्दिम पड़ गया है ।