21. · “ अंगूठियों का मालिक: पौराणिक कथाओं और मध्यकालीन साहित्य टोल्किन से प्रभाव. ” 22. दूधनाथ जी के अनुसार सारा मध्यकालीन साहित्य वेदान्त के त्रिकोण (प्रस्थानत्रयी) पर टिका है। 23. हिन्दी के मध्यकालीन साहित्य खासतौर पर ब्रज भाषा में छोरा शब्द का प्रयोग खूब हुआ है। 24. मणिपुरी का प्राचीन एवं मध्यकालीन साहित्य प्राचीन लिपि [मीतै मयेक] में ही उपलब्ध है। 25. लेकिन उनका यह प्रयास मध्यकालीन साहित्य के एक पाठक के सहज उच्छलन का रूप नहीं है। 26. हिन्दी के मध्यकालीन साहित्य खासतौर पर ब्रज भाषा में छोरा शब्द का प्रयोग खूब हुआ है। 27. मूलतः रास् से बने रासकम् का ही रूप मध्यकालीन साहित्य की एक विधा रासक के रूप में सामने आया। 28. औपनिषदिको काल के प्राकृत, अपभ्रंश, संस्कृत एवं मध्यकालीन साहित्य में हिन्दू शब्द पार्यप्त मात्रा में मिलता है। 29. मूलतः रास् से बने रासकम् का ही रूप मध्यकालीन साहित्य की एक विधा रासक के रूप में सामने आया। 30. मध्यकालीन साहित्य में भी वही अंश सजीव और सप्राण है, जहां इस लोक का प्राणी बोल उठा है, परलोक का द्रष्टा नहीं।