21. मिट्टी को मौस घास या सूखी साधारण घास से ढंके रहने से मिट्टी की नमी देर तक रहती है. 22. इससे मिट्टी की नमी में कमी तो आएगी ही, धरती पर मौजूदा जल की उपलब्धता में भी कमी आएगी। 23. प्राकृतिक खाद की तरह पशुखाद से भी मिट्टी की नमी बनी रहती है, जो फसलों को सूखे से बचाता है। 24. वर्षा की कमी के कारण मिट्टी की नमी को बनाये रखने तथा उसे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जाता है। 25. पौधो के मिट्टी में गलने सड़ने से मिट्टी की नमी को जल धारण की क्षमता में बढ़ोतरी होती है । 26. मिट्टी को मौस घास या सूखी साधारण घास से ढंके रहने से मिट्टी की नमी देर तक रहती है. 27. वर्षा की कमी के कारण मिट्टी की नमी को बनाये रखने तथा उसे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जाता है। 28. समीकरण को हल करने के लिए, मिट्टी की नमी के कार्य के रूप में वाष्पन-उत्सर्जन की दर ज्ञात होनी चाहिए. 29. समीकरण को हल करने के लिए, मिट्टी की नमी के कार्य के रूप में वाष्पन-उत्सर्जन की दर ज्ञात होनी चाहिए. 30. समय के साथ मिट्टी की नमी में आए परिवर्तन को मिट्टी की नमी की गतिकी के रूप में जाना जाता है.