संत्रस्त, क्षुब्ध लोगों की इस प्रतिक्रिया पर नक्सलवाद का लेबल चस्पा कर दिया जाता है और प्रतिक्रिया को मूल क्रिया की तरह पेश किया जाने लगता है।
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१ ०. मूल चेतन आत्म-भाव (३३ देव)-चेतन जो प्रत्येक कण का मूल क्रिया भाव बनकर उनमें बसा, वे ३३ भाव रूप थे जो ३३ देव कहलाये।
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यह न केवल ' मूल क्रिया को क्षमा करो और प्रतिक्रया को दण्डित करो ' का आग्रह था अपितु ' आक्रमण ही श्रेष् ठ बचाव है ' वाली कहावत पर श्रेष् ठ अमल भी था ।
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आत्मघाती मूर्खता ' करते हुए जो बर्बर कार्रवाई की, उसका दण्ड तो उसे मिलना ही चाहिए किन्तु इस पूरे मामले में इस आधारभूत तथ्य की अनदेखी की जा रही है कि जो कुछ हुआ वह ‘ मूल क्रिया ' नहीं, ‘ प्रतिक्रिया ' थी।
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इन दोनोंके बीच में वे किसी भी शक्ति को स्वीकार नहीं करते, ज्ञान की शुद्ध तर्कसे अधिक दिव्य किसी भी क्रिया को वे नहीं मानतें; सत्य का साक्षात्कारकरने की सीमित मानवीय साधन को चेतना का ऊंचे-से-ऊंचा क्रियाशील साधन, उसकी सर्वोच्चय शक्ति एवं मूल क्रिया माना जाता है.
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इसलिए, चार जून की रात को, प्रतिक्रियास्वरूप की गई बर्बर कार्रवाई के लिए सरकार और पुलिस को तो दण्डित किया ही जाना चाहिए किन्तु यदि मूल क्रिया की अनदेखी कर उसे छोड़ दिया गया तो इससे अनुचित माँगों को लेकर आन्दोलन करनेवाले भी प्रोत्साहित होंगे।
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जैसा कि मैंने अपने संलग्न पत्र में कहा है, सुश्री गायत्री शर्मा की प्रस्तुति ‘ मूल क्रिया ' थी और मेरा पत्र ‘ प्रतिक्रिया। ' ‘ मूल क्रिया ' (अर्थात् हिन्दी के साथ किए गए अनाचार / अत्याचार) से मुझे हुई पीड़ा की ‘ समानानुभति ' कराने की मंशा से ‘ प्रतिक्रिया ' व्यक्त की गई, किसी दुराशय अथवा दुर्भावना से बिलकुल ही नहीं।
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जैसा कि मैंने अपने संलग्न पत्र में कहा है, सुश्री गायत्री शर्मा की प्रस्तुति ‘ मूल क्रिया ' थी और मेरा पत्र ‘ प्रतिक्रिया। ' ‘ मूल क्रिया ' (अर्थात् हिन्दी के साथ किए गए अनाचार / अत्याचार) से मुझे हुई पीड़ा की ‘ समानानुभति ' कराने की मंशा से ‘ प्रतिक्रिया ' व्यक्त की गई, किसी दुराशय अथवा दुर्भावना से बिलकुल ही नहीं।
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जैसे दया, केटोपन, भनाई, चाकरी, अग्लाई, नीलोपन आदि नेपाली में भाव वाचक संज्ञा बनाने के सिद्धांत १-जातिवाचक संज्ञा से भाव वाचक संज्ञा बनाने का विधान जातिवाचक संज्ञा-भाव वाचक संज्ञा केटो (बच्चा, लडका)-केटोपन (बचपन,लड़कपन) चाकर-चाकरी चोर-चोरी २-मूल क्रिया से भाव वाचक संज्ञा बनाने का विधान मूल क्रिया-भाव वाचक संज्ञा पढ़-पढे (ढ पर ऐ की मात्रा) (पढ़ाई)
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जैसे दया, केटोपन, भनाई, चाकरी, अग्लाई, नीलोपन आदि नेपाली में भाव वाचक संज्ञा बनाने के सिद्धांत १-जातिवाचक संज्ञा से भाव वाचक संज्ञा बनाने का विधान जातिवाचक संज्ञा-भाव वाचक संज्ञा केटो (बच्चा, लडका)-केटोपन (बचपन,लड़कपन) चाकर-चाकरी चोर-चोरी २-मूल क्रिया से भाव वाचक संज्ञा बनाने का विधान मूल क्रिया-भाव वाचक संज्ञा पढ़-पढे (ढ पर ऐ की मात्रा) (पढ़ाई)
मूल क्रिया sentences in Hindi. What are the example sentences for मूल क्रिया? मूल क्रिया English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.