21. आस्तिक होने का मतलब ही है ईश्वर में आस्था रखना , और उपासना का अर्थ है ईश्वर के समीप पहुंचना. 22. इसमें किसी भी आदमी के लिए किसी भी मत-संप्रदाय में आस्था रखना और उसके नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं है। 23. उसे अपने ख़ुद के विचारों में आस्था रखना सिखाइए भले ही हर कोई कह रहा हो कि वे ग़लत हैं …. 24. इसके बावजूद मैं मानता हूँ कि मुर्दा चीजों में आस्था रखने से बेहतर है ऐसे महान् विचारकों के विचारों में आस्था रखना . 25. भगवान में आस्था रखना कोई बुरी बात नही, लेकीन भगवान की आड अंधश्रध्दा को बढावा मिलना समाज के लिए काफी घातक साबित हो रहा है। 26. किसी भी चीच में आस्था रखना अच्छी बात है लेकिन अंधभक्ति तर्क और विज्ञान दोनों के लिए सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़े हो जाते हैं । 27. उन्होंने कहा ध्र्म में आस्था रखना एवं सत्संग करना मानव स्वभाव में आने वाले विकारों को दूर करता है और एक अच्छे आचरण को जन्म देता है। 28. ईश्वर में आस्था रखना और किसी अन्य के द्वारा चमत्कार करने की क्षमता में विश्वास करना दो अलग अलग परन्तु बहुत सूक्ष्म अंतर की बातें है । 29. भूतकाल के वैभव की स्मृति के महत्तव को स्वीकारने के बावजूद वर्तमान में आस्था रखना और वर्तमान में भविष्य केन्द्रित पुरूषार्थ करने पर ज्यादा जोर रहा है। 30. इलिना जी को पहले ये बताना चाहिये कि वो लोकतंत्र में विश्वास रखती हैं या नहीं? तमाम कमजोरियों के बाद भी लोकतंत्र में आस्था रखना उचित है या नहीं?