21. इस भाँति क्लीबाणुक द्वारा बीटा किरण एवं मेसॉन के अपक्ष्य की समस्याओं का सामाधान हुआ है। 22. वे संयोजित कण जिनमे फर्मिऑन की संख्या सम होती है, बोसॉन कहलाते है, उदाहरण-मेसॉन । 23. मेसॉन के अपक्षय की समस्याओं को हल करने के लिये भी क्लीबाणुक परिकल्पना का प्रयोग किया गया।24. मेसॉन के अपक्षय की समस्याओं को हल करने के लिये भी क्लीबाणुक परिकल्पना का प्रयोग किया गया।25. मेसॉन की खोज इसकी भविष्यवाणी के लगभग 10 वर्जों बाद हो सकी और युकावा का सिद्धान्त सत्यापित हुआ।26. धनात्मक पाई मेसॉन (p+) धन नाभिक से उतनी श्घ्रीा क्रिया नहीं करेगा जितना कि त्रणात्मक पाई मेसॉन (p-)। 27. धनात्मक पाई मेसॉन (p+) धन नाभिक से उतनी श्घ्रीा क्रिया नहीं करेगा जितना कि त्रणात्मक पाई मेसॉन (p-)। 28. बैटरी की भाँति होते हैं, इसमें प्रत्येक टर्मिनल के लिए एक मेसॉन जार के आकार का चैम्बर ( 29. इसी तरह न्यूट्रान से निगेटिव मेसॉन जब अलग होता है या पाजिटिव मेसॉन जुड़ता है तो प्रोटॉन बन जाता है। 30. इसी तरह न्यूट्रान से निगेटिव मेसॉन जब अलग होता है या पाजिटिव मेसॉन जुड़ता है तो प्रोटॉन बन जाता है।