21. इस घाट के पश्चिम की ओर यज्ञवेदी एवं पर्ण कुटी नामक स्थान आज भी स्थित है। 22. स्पष्ट है कि प्रारंभ में मिट्टी से निर्मित शिलाएं सिर्फ यज्ञवेदी के निमित्त ही बनाई जाती थीं। 23. स्पष्ट है कि प्रारंभ में मिट्टी से निर्मित शिलाएं सिर्फ यज्ञवेदी के निमित्त ही बनाई जाती थीं। 24. भगवान श्री ब्रह्मा जी ने सृष्टि रचना से पहले अपनी प्रमुख यज्ञवेदी कुरुक्षेत्र में प्रथम यज्ञ किया। 25. यज्ञवेदी के उस पार भैरव-मंदिर है और उसके आगे कालिका और सरस्वती देवी की मनोहारी प्रतिमाएं हैं।26. मैने सेवा चाचा को नरसिंह्पुर में हुए एक महायज्ञ की यज्ञवेदी की परिक्रमा करते हुए देखा था। 27. यहाँ यह तथ्य भी महत्त्वपूर्ण है कि यज्ञवेदी से जन्म ग्रहण करने के समय द्रौपदी पूर्णयौवना अप्रतिम सुन्दरी है। 28. थोड़ा आगे बढ़ने पर उन्होंने देखा, यज्ञवेदी के पास मृगछाला पर जटाधारी राम वक्कल धारण किये बैठे हैं। 29. जो यज्ञवेदी के किनारे बैठकर सरस्वती का जप किया करता था, वह सर्वत्र घट्टवान (घाटवाल) नाम से विख्यात हुआ ॥३८॥ 30. शुक्रवार को बालाजी मढ़ी परिसर में स्थित यज्ञवेदी के पास बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता व महिलाएं एकत्र हुई।