21. संस्कृत में कहा गया है कि “ रसात्मकम् वाक्यम् काव्यम् ” अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही काव्य है। 22. कमरख अपनीपरिपक्वावस्था में मधुर रस प्रधान और अम्ल रसयुक्त (अर्थात् खट्टा मिट्ठा) वल्यऔर पुष्टिकारक एवं स्वादवर्धक होता है. 23. जो आहार रसयुक्त , चिकना और स्थिर रहने वाला है, सात्विक आहार की श्रेणी में आता है। 24. गन्ने के जड़ की ओर का नीचे का भाग अत्यंत मधुर, रसयुक्त और मध्य भाग मीठा होता है। 25. यह हलकी, स्निग्ध, तिक्त, कटु व मधुर रसयुक्त , विपाक में मधुर और उष्णवीर्य है। 26. गन्ने के जड़ की ओर का नीचे का भाग अत्यंत मधुर, रसयुक्त और मध्य भाग मीठा होता है। 27. गन्ने के जड़ की ओर का नीचे का भाग अत्यंत मधुर, रसयुक्त और मध्य भाग मीठा होता है। 28. * अगर चेहरे पर झाइयां अपना आधिपत्य जमा रही हों तो नींबू के रसयुक्त छिलके को चेहरे पर रगड़िये। 29. शाहजहाँ के समय में यह ' रसयुक्त वाटिका ' होती थी अर्थात् इसमें मीठे फलों के वृक्षों की भरमार थी। 30. * मधुमक्खी के काटने पर उस स्थान पर रसयुक्त नींबू के छिलके में नमक लगाकर रगड़ने से राहत मिलती है।