21. अगर राष्ट्र-प्रेम नहीं तो बाज़ार ही इस बात को सिखलाएगा तथा सिद्ध करेगा। 22. हम सीधे सीधे उनके मंतव्यो से राष्ट्र-प्रेम को क्यों नहीं चुन लेते? 23. राष्ट्र-प्रेम पर प्राण, न्यौछावर करने वालों, युगों-युगों तक कभी न होगी, बात पुरानी।।24. राष्ट्र-प्रेम को प्रदूषित करने के लिए राष्ट्र-वाद का गठन किया गया है.25. राष्ट्र-प्रेम का जो आदर्श किया है, वह प्रशंसनीय ही नहीं स्तुत्य भी है।26. अगर राष्ट्र-प्रेम नहीं तो बाज़ार ही इस बात को सिखलाएगा तथा सिद्ध करेगा। 27. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।28. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। 29. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।30. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।