21. नेत्रकाचाभ द्रव का उत्पादन रोमक पिण्ड (सिलियरी बॉडी) द्वारा होता है। 22. मध्याह्नो यवकोट्यां रोमक विषयेऽर्धरात्र: स्यात् ॥ (आर्यभट्टीय गोलपाद-१ ३) 23. वक्त के साथ पैतामह सिध्दांत, वासिष्ठ सिध्दांत, रोमक सिध्दांत, पौलिक सिध्दांत इत्यादि विकसित हुए. 24. अयोध्या के राजा रोमक , रानी ममता तथा राजकुमार भुवन इसके मुख्य पात्र हैं। 25. (1) रोमक मुद्रिका-रंजित पटल का अग्रभाग, जिसमें अरीय ढंग से स्थापित मेड़ 26. विक्रम की प्रथम शताब्दी के आरम्भ में रोमक इतिहास लेखक ' द्यौद्रस् सलस्' लिखता है- 27. रोमक मत के प्रताप से समाज की दशा एकदम बिगड़ गई, उसकी सारी व्यवस्था नष्ट28. (2) रोमक प्रवर्ध-लेंस परिसर के चारों ओर झालर की भांति स्थित होता है; 29. (1) रोमक मुद्रिका-रंजित पटल का अग्रभाग, जिसमें अरीय ढंग से स्थापित मेड़ें होती हैं; 30. इसमें रंजितपटल या कोरॉइड, रोमक पिण्ड या सिलियरी बॉडी तथा उपतारा या आइरिस का समावेश होता है।