21. नतीजा लगावट का जाने क्या निकले मोहब्बत में वो आजमा कर चले (अंजान) 22. महाराज जयसिंह के कानों तक आपकी लगावट का हाल पहुँचा दिया है और इसी सबब से 23. राजा: लगावट की दृष्टि, नेत्रों का चंचल और चोर होना, अंग अंग के अनेक भाव 24. आपने यह स्वरचित शेर भी पेश किया: ये लगावट नहीं तो फिर क्या हैक़त्ल करके मुझे वो रोने लगा। 25. प्रो स. ख िलखिला उठी जानी! बोटक्स भरा ज़माना बनावट का दिखावट का झूटी लगावट का है. 26. “इधर हमसे भी बातें आप करतें है लगावट की, उधर गैरों से भी कुछ अहदों पैमां होते जाते है.” 27. करे है क़त्ल लगावट में तेरा रो देना तेरी तरह कोई तेग़-ए-निगाह को आब तो दे (ग़ालिब) 28. वहा तिरस्कार न था, कोई लगावट भी न थी और फसलें क्या शब्दों की खरपतवार के निशान भी नहीं थे. 29. तब तक हम आपके स्वरचित शेर का लुत्फ़ उठाते हैं: उनकी लगावट से साँसे चल रहीं,नहीं तो कब के मर गये होते। 30. मस्ती में लगावट से उस आंख का ये कहना मैख् वार की नीयत हूँ मुमकिन है बदल जाना (फ़िराक़ गोरखपुरी)