21. उसके बाद कन्या के रूप में वारुणी प्रकट हई जिसे दैत्यों ने ग्रहण किया। 22. उसके बाद कन्या के रूप में वारुणी प्रकट हई जिसे दैत्यों ने ग्रहण किया। 23. उसी प्रकार चन्द्र भी वारुणी की इच्छा करने मात्र से श्री-ही हो जाता है: 24. भगवान विष्णु ने छल से देवों को अमृत और दानवों को वारुणी पिला दी थी। 25. थोड़ी देर में एक दासी पानदान और दूसरी वारुणी की बोतल लिये हुए आ पहुँची। 26. जो किनारे रहे वारुणी पा गए, हमको विष मिल गया आचमन के लिए । 27. इसी प्रकार वरुण की एक उत्पत्ति थी-वारुणी , अर्थात मधु और मद्य की देवी। 28. सौर परिवार के नौ ग्रह हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, गुरु शनि, वारुणी ( 29. इसी प्रकार शेष वायु गायत्री वारुणी सौपर्णी चन्द्र इन्द्र कामदेव आदि इन्द्रियों के अभिमानी देवताओं । 30. सभी कुछ उन्होंने अंगीकार कर लिया और वारुणी (शराब) फेनिलपेय असुरों को पकड़ा दी।