21. विधिशास्त्र सिद्धांत के तीन अंग होते हैं-विश्लेषणात्मक, ऐतिहासिक, एवं नैतिक।22. इस अर्थ में कानून की सारी पुस्तकें विधिशास्त्र की पुस्तकें हैं। 23. इस अर्थ में कानून की सारी पुस्तकें विधिशास्त्र की पुस्तकें हैं। 24. विधिशास्त्र सिद्धांत के तीन अंग होते हैं-विश्लेषणात्मक, ऐतिहासिक, एवं नैतिक।25. अंत में, विधिशास्त्र से हमें उस अध्ययन, शोध एवं अनुमान ( 26. पारंपरिक हिंदू विधिशास्त्र में तो तलाक का कोई प्रावधान ही नहीं था 27. विधिशास्त्र या न्यायशास्त्र (Jurisprudence), विधि (अर्थात नियम) का सिद्धान्त व दर्शन है।28. अंतराष्ट्रीय विधिशास्त्र के कई मानकों का विश्लेषण करते हुए अदालत ने आजादी बचाओ 29. विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र का उद्देश्य होता है-' विधान के मौलिक सिद्धांतों का विश्लेषण'। 30. साधारण अर्थ में समस्त वैधानिक सिद्धांत विधिशास्त्र (विधिशास्त्र (Jurisprudence ज्यूरिसप्रूडेंस)) में अंतर्निहित हैं।