21. संभवत: इसी विजय के उपलक्ष में उसने त्रिकलिंगाधिपति का विरुद धारण किया। 22. धंग ने सर्वप्रथम परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर परममाहेश्वर कालंजराधिपति का विरुद धारण किया। 23. चंपू, विरुद और कारंभक तीन प्रकार के काव्य और माने गए है । 24. का विरुद रवीन्द्र ने बापू को दिया तो बापू ने भी रवीन्द्र को.. 25. चंपू, विरुद और कारंभक तीन प्रकार के काव्य और माने गए है । 26. उन्होने अपने इस विरुद को ही साकार किया है कोई आश्चर्य की बात नहीं है। 27. उन्होंने संभवत: एक प्रकार की स्वर्णमुद्रा का प्रचलन किया, एवं महाराजाधिराज का विरुद धारण किया। 28. उन्होंने संभवत: एक प्रकार की स्वर्णमुद्रा का प्रचलन किया, एवं महाराजाधिराज का विरुद धारण किया। 29. देखकर बहुत से लोग केवल इस विरुद के लोभ में ही अपनी उछलकूद दिखाया करते 30. हमारी यह कोशिश रहेगी कि हम हिंदी की दुनिया की अच्छी पुस्तकों का विरुद गाएं.