21. चीजों के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन होने की वजह से वर्णनात्मकता का आधिक्य है । 22. यजुर्वेद के अनुसार सूर्य, अग्नि एवं ज्योति के अंतर्संबंधों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। 23. इसमें दर्शनमोहनीयकर्म का जीव किस तरह नाश करता है इसका विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। 24. जन्म पत्रिया हो सकती हैं, उनमें प्रत्येक जन्मपत्री के तीन जन्म का विस्तारपूर्वक वर्णन है। 25. कथा में उन्होंने भगवान श्री विष्णु के वामन तथा नरसिंह रूप का विस्तारपूर्वक वर्णन भी किया। 26. इस विषय से सम्बन्धित घटनाओं और अन्य विषयों का अगले अध्याय में विस्तारपूर्वक वर्णन किया जायेगा । 27. इस विषय से सम्बन्धित घटनाओं और अन्य विषयों का अगले अध्याय में विस्तारपूर्वक वर्णन किया जायेगा । 28. कृष्ण भक्त कवियों की तरह रसखान ने भी कृष्ण जी की उल्लासमयी लीलाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। 29. इस पद्धति द्वारा वैवाहिक जीवन के बारे में भविष्य कथन के नियम व विधि का विस्तारपूर्वक वर्णन करें। 30. इस ग्रंथ में वराह अवतार की कथा के अतिरिक्त भागवत गीता महामात्या का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।