21. वह यहाँ पृथ्वी पर जब शिशु रूप से प्रकट होता है तो उसका जन्म किसी मां से नहीं होता 22. जब त्रिमूर्ति के शिशु रूप में परिवर्तित होने का ज्ञान उनकी पत्नियों को हुआ तो वे व्याकुल हो गई। 23. सती अनुसुइया के प्रकरण में भी ब्रम्हांड के त्रिदेवों को स्थानीयता के शिशु रूप को स्वीकार करना पड़ा था! 24. इस बात को सुनकर त्रिदेव शिशु रूप में बदल गए जिसके फलस्वरूप माता अनसूइया ने देवों को भोजन करवाया. 25. सती अनुसुइया के प्रकरण में भी ब्रम्हांड के त्रिदेवों को स्थानीयता के शिशु रूप को स्वीकार करना पड़ा था! 26. भ्रूण जब शिशु रूप में धरती पर आता है तो प्रसव पीड़ा के साथ होने वाला खून खच्चर दिल दहला देता है। 27. इस संस्कार के माध्यम से शिशु रूप में अवतरित जीवात्मा को कल्याणकारी यज्ञीय वातावरण का लाभ पहँुचाने का सत्प्रयास किया जाता है । 28. इस संस्कार के माध्यम से शिशु रूप में अवतरित जीवात्मा को कल्याणकारी यज्ञीय वातावरण का लाभ पहँुचाने का सत्प्रयास किया जाता है । 29. गर्भस्थ-शिशु और ब्रह्मा जी का दायित्व ‘ अक्षय-बिन्दु ' से ‘ हिरण्य ' रूप होते हुये गर्भस्थ शिशु रूप में परिवर्तित होता है। 30. इस संस्कार के माध्यम से शिशु रूप में अवतरित जीवात्मा को कल्याणकारी यज्ञीय वातावरण का लाभ पहँुचाने का सत्प्रयास किया जाता है ।