21. सनई की फ़सल में 50 दिन बाद तथा ढेंचा में 40 दिन बाद यह अवस्था आती है।22. सनई की फ़सल में 50 दिन बाद तथा ढेंचा में 40 दिन बाद यह अवस्था आती है।23. लगभग एक महीने की खड़ी सनई की फसल को खेत में मचौआ करते समय मिला देना चाहिए। 24. सनई चाहे बीमा कराने के तीन महीने बाद ही क्यों न मर जाए, उसके आश्रितों को पूरा बीमा धन मिलेगा।25. सनई चाहे बीमा कराने के तीन महीने बाद ही क्यों न मर जाए, उसके आश्रितों को पूरा बीमा धन मिलेगा।26. इसके तहत हरी खाद बनाने में प्रयुक्त होने वाली ढैचा व सनई के बीजों पर शत-प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। 27. घाघ ने सनई , नील, उर्द, मोथी आदि द्विदलों को खेत में जोतकर खेतों की उर्वरता बढ़ाने का स्पष्ट उल्लेख किया है। 28. इसमें सिद्धार्थनगर के सनई निवासी पहलवान कमलेश यादव ने जंगल कौड़िया गोरखपुर निवासी पहलवान गुड्डू को आसमान दिखाकर प्रथम पुरस्कार जीता। 29. हरी खाद के लिये सनई का लगभग 25 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से रोपाई के एक महीने पहिले बोना चाहिए। 30. इसके अलावा किसान उत्पादन बढ़ाने के लिये सनई और ढ़ैंचा और केंचुआ खाद का इस्तेमाल करके किसान फसल उत्पादन बढ़ा सकते हैं।