21. यौगिकों में ज्यों-ज्यों असममित कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ती जाती है त्यों-त्यों अधिक समावयवी रूपों की संभावना बढ़ती जाती है। 22. यौगिकों में ज्यों-ज्यों असममित कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ती जाती है त्यों-त्यों अधिक समावयवी रूपों की संभावना बढ़ती जाती है। 23. समावयवी वे यौगिक हैं जिनका अणुसूत्र एक समान होता है, पर कुछ भौतिक तथा रासायनिक गुणों में वे भिन्न होते हैं।24. इस अणु और उसके दर्पण प्रतिबिंब को प्रतिबिंब रूप, प्रकाशीय प्रतिविन्यासी (optical antipodes) या प्रकाशीय समावयवी कहते हैं। 25. समावयवी वे यौगिक हैं जिनका अणुसूत्र एक समान होता है, पर कुछ भौतिक तथा रासायनिक गुणों में वे भिन्न होते हैं।26. समावयवी वे यौगिक हैं जिनका अणुसूत्र एक समान होता है, पर कुछ भौतिक तथा रासायनिक गुणों में वे भिन्न होते हैं।27. यह कार्बन ही है जो पृथ्वी पर पाए जानेवाले सामान्य ताप (०° से ४०°) पर अनेक स्थायी समावयवी यौगिक दे सकता है। 28. यह कार्बन ही है जो पृथ्वी पर पाए जानेवाले सामान्य ताप (०° से ४०°) पर अनेक स्थायी समावयवी यौगिक दे सकता है। 29. यहाँ एक समावयवी का दूसरे समावयवी में परिवर्तन केवल विलयाकों में घुलाने से, अथवा किसी उत्प्रेरक की उपस्थिति से ही संपन्न होता है। 30. यहाँ एक समावयवी का दूसरे समावयवी में परिवर्तन केवल विलयाकों में घुलाने से, अथवा किसी उत्प्रेरक की उपस्थिति से ही संपन्न होता है।