21. अनन्त-व्रत के सविधि पालन से पाप नष्ट होते हैं तथा सुख-शांति प्राप्त होती है। 22. बस, अन्तस् का सविधि सम्पूर्ण परिष्कार ही इस व्यवहार साधना का मर्म है। 23. इस दिन सविधि व्रत करने वाले को एक वर्षपर्यन्तचतुर्थी-व्रत करने का फल प्राप्त होगा। 24. जो लोग पुत्रदा एकादशी का सविधि व्रत करते हैं, उनके यहां पुत्र जन्म लेता है। 25. अनन्त-व्रत के सविधि पालन से पाप नष्ट होते हैं तथा सुख-शांति प्राप्त होती है। 26. अनन्त-व्रत के सविधि पालन से पाप नष्ट होते हैं तथा सुख-शांति प्राप्त होती है। 27. अवंतिकानाथमहाकालेश्वर का उनके चारों द्वारपालसहित सविधि दर्शन करना ही इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। 28. परिणामस्वरूप साध्य की समव्याप्तता अश्रावणत्व में न होने से अतिव्याप्ति सविधि निरस्त हो जाती है। 29. अर्थात् पीपल की सविधि पूजा-अर्चना करने से सम्पूर्ण देवता स्वयं ही पूजित हो जाते हैं। 30. धूम्रवर्ण एक बार लोक-पितामह ने सहस्रांशु को कर्मराज्य के अधिपति के पर सविधि अभिषिक्त किया।